मार्गदर्शन एवं परामर्श
मार्गदर्शन व परामर्श
जीवन विविधताओ से भरा हुआ है | प्रत्येक दशा व स्थिति सदा एक समान नही रहती है | उतार-चढ़ाव, सकारात्मकता-नकारात्मकता का चक्र अनवरत चलता रहता है | यह समस्या या असमंजस जब प्रखर रूप ले लेते है जब हम अपनी मन की बात या आशंका या असमंजस किसी से साझा नही कर पाते या कोई हमे उचित मार्गदर्शन प्रदान नही करता या उचित राह निर्धारण में सहयोगी नही बन पाता | इसी कारण आज के दौर में मार्गदर्शन व परामर्श अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो जाता है |
मार्गदर्शन केवल समस्या समाधान नही है अपितु यह किसी अनुभवी के आधार पर सही मार्ग का चयन करने हेतु महत्त्वपूर्ण ईकाई है | अपनी समस्या का उचित समाधान प्राप्त करने का एक माध्यम है | हो सकता है हम अधिक ज्ञानवान व बुद्धिजीवी हो किन्तु फिर भी अनुभव के अभाव में सही निर्णय तक पहुँचकर एक सही निर्णय लेना दुर्लभ कार्य है | परामर्शदाता अपने अनुभव के आधार पर हमारी शारीरिक व मानसिक क्षमता का आंकलन कर हमारे लिए भविष्य की सुनहरी राह चुनने में सहायक सिद्ध होता है | आज के आधुनिक समय में जब भविष्य निर्माण के अनेक पाठ्यक्रम व अवसर उपलब्ध है तब हमारी महत्वाकांक्षा अधिक बढ़ जाती है व साथ ही प्रतियोगिता के इस दौर में अंधी दौड़ लगाकर कई बार हम गलत राह चुन लेते है | अत: आज के समय में मार्गदर्शक व परामर्शक की आवश्यकता महसूस की जाती है |
केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने परामर्श व मार्गदर्शन की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विद्याथियों की व्यक्तिगत समस्या के समाधनार्थ व भविष्य हेतु सुअवसरो के चयन करने में सहयोगी परामर्शक को विद्यालय में नियुक्त किया है |