-
940
छात्र -
910
छात्राएं -
60
कर्मचारीशैक्षिक: 61
गैर-शैक्षिक: 2
परिकल्पना
- के. वि. सं. उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपने छात्रों को ज्ञान/मूल्य प्रदान करने और उनकी प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता का पोषण करने में विश्वास रखता है।
उद्देश्य
- शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना है।
- स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने और गति निर्धारित करने के लिए।
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आदि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा में प्रयोग और नवाचारों को शुरू करना और बढ़ावा देना।
- राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास करना और बच्चों में “भारतीयता” की भावना पैदा करना।

पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय नंबर 1, नीमच
उत्पत्ति
पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1, नीमच अग्रणी केंद्रीय विद्यालयों में से एक है, जिसकी स्थापना 1970 में केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा की गई थी। प्रारंभ में, स्कूल सीआरपीएफ नीमच परिसर था।
विद्यालय के दृष्टिकोण के बारे में
के. वि. सं. उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपने छात्रों को ज्ञान/मूल्य प्रदान करने और उनकी प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता का पोषण करने में विश्वास रखता है।
विद्यालय के उद्देश्य के बारे में
शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित स्थानांतरणीय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना है।
संदेश

आयुक्त, सुश्री प्राची पाण्डेय, आईए & एएस
प्रिय शिक्षकवृंद,
शिक्षक दिवस 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ।
शिक्षक केवल शैक्षणिक मार्गदर्शक ही नहीं, बल्कि बच्चे के भविष्य के निर्माता होते हैं। प्रथम अक्षर लिखने से लेकर जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों तक वे धैर्य,सहानुभूति और सहयोग के साथ प्रत्येक कदम पर साथ चलते हैं। वे केवल मस्तिष्क ही नहीं,बल्कि मूल्य,सपने और आकांक्षाएँ भी गढ़ते हैं,जो हमारे राष्ट्र का भविष्य निर्धारित करती हैं।

श्रीमती शाहिदा परवीन
उपायुक्त केविएस, क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल
प्रिय विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं समस्त केंद्रीय विद्यालय परिवार, सप्रेम नमस्कार। केंद्रीय विद्यालय संगठन, भोपाल संभाग की वेबसाइट पर आप सभी का हार्दिक स्वागत है। यह प्लेटफ़ॉर्म न केवल सूचना और संसाधनों का केंद्र है, अपितु यह हमारे साझा शैक्षिक दृष्टिकोण, मूल्यों और प्रयासों का प्रतिबिंब भी है। मुझे यह संदेश साझा करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन, भोपाल संभाग, केविसं (मु०) नई दिल्ली के दिशा-निर्देशन में निरंतर राष्ट्रीय शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के उच्चतम मानदंडों को स्थापित करने के अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। भारत जैसे विविधता-सम्पन्न देश में शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं है, यह सामाजिक समरसता, नैतिक मूल्यों, और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यबोध की भावना का संवाहक भी है। केंद्रीय विद्यालय संगठन की स्थापना 1963 में भारत सरकार द्वारा इस उद्देश्य से की गई थी कि सैनिकों, अर्धसैनिक बलों, केंद्रीय कर्मचारियों और अन्य स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, सतत और एकसमान शिक्षा प्रदान की जा सके। आज KVS न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी शिक्षा की एक सशक्त शृंखला बन चुका है, जिसमें लाखों विद्यार्थी अध्ययनरत हैं और हजारों शिक्षक उन्हें ज्ञान, संस्कार और जीवन के मूल्य सिखा रहे हैं। हमारे देश की नई शिक्षा नीति (NEP 2020) शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन का आह्वान करती है। यह केवल पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली में सुधार की बात नहीं करती, बल्कि यह समावेशी, बहु-विषयक, और छात्र-केंद्रित शिक्षा की बात करती है। KVS ने NEP 2020 के मार्गदर्शक सिद्धांतों को अपनाते हुए कई महत्त्वपूर्ण पहलें प्रारंभ की हैं: • Foundational Literacy and Numeracy (FLN) को प्राथमिक कक्षाओं में लागू करना। • बहु-भाषिकता को प्रोत्साहन देना। • कला एकीकरण (Art Integration) और खेल आधारित शिक्षा (Sports Integration) को कक्षा शिक्षण में समाहित करना। 21वीं सदी के कौशल जैसे कि आलोचनात्मक सोच, समस्या समाधान, रचनात्मकता और डिजिटल साक्षरता पर बल देना। ये सभी प्रयास विद्यार्थियों को न केवल परीक्षा के लिए, बल्कि जीवन के लिए तैयार करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। हमारे कार्यरत शिक्षकगण न केवल ज्ञान के दाता हैं, बल्कि वे एक संरक्षक, मार्गदर्शक और प्रेरक की भूमिका भी निभाते हैं। एक शिक्षक की भूमिका अब केवल पाठ्यक्रम पढ़ाने तक सीमित नहीं रह गई है। वे विद्यार्थियों में जिज्ञासा उत्पन्न करते हैं, उन्हें आत्म-शिक्षण के लिए प्रेरित करते हैं, और एक उत्तरदायी नागरिक के रूप में ढालते हैं। हमारे शिक्षकगण निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और नवाचारों के माध्यम से अपने शिक्षण को अद्यतन और प्रभावी बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें गर्व है कि हमारे विद्यालयों में ऐसे शिक्षक कार्यरत हैं, जो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए निरंतर समर्पित रहते हैं। KVS के विद्यार्थी पूरे देश में अपनी योग्यता, अनुशासन और नैतिक मूल्यों के लिए पहचाने जाते हैं। विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन, विज्ञान, खेल, कला, और संस्कृति के क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ, तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर KVS के छात्रों की उपस्थिति हमें गर्व से भर देती है। हमारा प्रयास है कि हर विद्यार्थी की विशेषताओं और रुचियों को समझते हुए उन्हें उस दिशा में अवसर प्रदान किए जाएँ, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता तक पहुँच सकें। विद्यालयों में अब केवल किताबी ज्ञान पर ज़ोर नहीं, बल्कि समग्र विकास (Holistic Development) को प्राथमिकता दी जा रही है। वर्तमान युग डिजिटल क्रांति का युग है। शिक्षा भी इससे अछूती नहीं रही है। विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान, KVS ने तकनीक को अपनाते हुए ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय पहल की। हमने ई-कंटेंट, वर्चुअल क्लासरूम्स, शिक्षकों द्वारा बनाए गए डिजिटल संसाधन, और स्वयं पोर्टल जैसे प्लेटफॉर्म्स को प्रभावी रूप से अपनाया। भविष्य में भी हम तकनीक के माध्यम से शिक्षण और अधिगम को और अधिक रोचक, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हमारे विद्यालयों में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए ATL (Atal Tinkering Labs), Coding Clubs, Robotics Workshops जैसी गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। KVS प्रशासनिक और शैक्षणिक गतिविधियों में पारदर्शिता, जवाबदेही और सामुदायिक सहभागिता को अत्यंत महत्त्व देता है। विद्यालय प्रबंधन समितियों में अभिभावकों की भागीदारी, विद्यालय स्तर पर खुली बैठकों का आयोजन, और अभिप्राय संग्रहण की प्रक्रिया हमें हमारी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है। हम अभिभावकों से अनुरोध करते हैं कि वे विद्यालय की गतिविधियों में सक्रिय भाग लें, शिक्षकों से संवाद बनाए रखें और अपने बच्चों को सकारात्मक वातावरण प्रदान करें। KVS का लक्ष्य न केवल अकादमिक उत्कृष्टता है, बल्कि ऐसी शिक्षा व्यवस्था का निर्माण करना है जो: • विद्यार्थियों को वैश्विक नागरिक बनाए, • उनमें संवेदनशीलता और सहानुभूति का भाव विकसित करे, • उन्हें नवाचार और उद्यमिता की ओर प्रेरित करे, • तथा भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को आत्मसात करते हुए आधुनिक तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना सिखाए। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे विद्यालय "ज्ञान, चरित्र और सेवा" के त्रिसूत्रीय मंत्र को आत्मसात करें और एक ऐसे भारत के निर्माण में योगदान दें जो शिक्षित, सशक्त और समृद्ध हो। अंत में, मैं सभी विद्यार्थियों को यह संदेश देना चाहती हूँ कि अपने सपनों को साकार करने के लिए कठोर परिश्रम, अनुशासन और आत्म-विश्वास को अपना साथी बनाइए। हर चुनौती आपके लिए एक अवसर है, और हर असफलता सीखने की एक सीढ़ी। शिक्षकों से अपेक्षा करती हूँ कि वे विद्यार्थियों के जीवन को मूल्यवान और अर्थपूर्ण बनाने में अपनी भूमिका को दृढ़ता से निभाएँ। अभिभावकों से अनुरोध है कि वे विद्यालय के साथ मिलकर एक सशक्त भविष्य निर्माण में सहयोग करें। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे शैक्षिक वातावरण का निर्माण करें जहाँ प्रत्येक विद्यार्थी स्वाभिमानी, सक्षम और संवेदनशील नागरिक बनकर राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दे सके। धन्यवाद। (शाहिदा परवीन) उपायुक्त केंद्रीय विद्यालय संगठन भोपाल संभाग
और पढ़ें
प्रियदर्शन गर्ग
प्राचार्य
केन्द्रीय विद्यालय नीमच की रचनात्मक उपलब्धियों को पाठकों के सामने रखने में मुझे बहुत खुशी मिलती है। शिक्षा सुधारों ने हाल ही में बच्चों में जिज्ञासाओं के नए समाधान खोजने के लिए रटने की शिक्षा के बजाय रचनात्मक सीखने पर जोर दिया, ताकि बच्चे में एक जिज्ञासा पैदा हो जाए कि वह दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करना सीखें, ताकि दूसरों को हरा सकें। प्रिय पाठकों हम कायाकल्प के मार्ग पर हैं और छात्रों द्वारा उनके द्वारा किए गए अवसरों और बाधाओं की तुलना में उनके द्वारा किए गए प्रयास सराहनीय हैं। छोटी चीजों को देखते हुए, हमें अपने छात्रों की ताकत को पहचानने, उन्हें और अधिक मजबूत बनाने और खोने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। उन्हें उनकी कमजोरी का ज्ञान दें और उन्हें आवश्यक जीवन कौशल के साथ जीवन का सामना करने के लिए तैयार करें। केंद्रीय विद्यालय नीमच में छात्रों की समग्र विकास के लिए विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित करने और उनकी सालभर की उपलब्धियों की झलक दिखाई देती है।
और पढ़ेंअद्यतनीकरण
- निविदा सूचना – खानपान/ कैटरिंग सेवाएं नई
- कक्षा आठवीं और कक्षा ग्यारहवीं के लिए आवधिक परीक्षा – 1 की समय सारिणी। नई
- प्रवेश सूची – 03: कक्षा – XI विज्ञान और मानविकी (नए प्रवेश) सत्र: 2025-26 में प्रवेश के लिए पात्र उम्मीदवारों की अनंतिम सूची नई
- प्रथम आवधिक परीक्षण 2025-26 (समय सारिणी) नई
- प्रवेश सूची – 02: कक्षा – XI मानविकी (नए प्रवेश) सत्र: 2025-26 में प्रवेश के लिए पात्र उम्मीदवारों की अनंतिम सूची नई
चीजों का अन्वेषण करें
शैक्षणिक योजनाकार
शैक्षिक कार्यक्रम और कार्यों के लिए योजना उपकरण।
शैक्षिक परिणाम
शिक्षा में छात्र के प्रदर्शन का मूल्यांकन।
बाल वाटिका
बालवाटिका:- केंद्रीय विद्यालयों में प्री स्कूल शिक्षा।
निपुण लक्ष्य
शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है|
शैक्षणिक हानि कार्यक्रम का मुआवजा (सीएएलपी)
अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित करते है।
अध्ययन सामग्री
सीखने के संसाधन, शैक्षणिक तैयारी के लिए सामग्री।
कार्यशालाएँ एवं प्रशिक्षण
कौशल बढ़ाने के लिए इंटरैक्टिव शिक्षण सत्र।
विद्यार्थी परिषद
निर्वाचित छात्रों का एक समूह जो अपने साथियों का प्रतिनिधित्व करता है।
अपने स्कूल को जानें
अपने स्कूल के वातावरण और संस्कृति को समझें।
अटल टिंकरिंग लैब
छात्रों में रचनात्मकता को बढ़ावा देने वाले नवाचार लैब।
डिजिटल भाषा लैब
तकनीक पर आधारित भाषा सीखने का माहौल।
आईसीटी - ई-क्लासरूम एवं लैब्स
आईसीटी बुनियादी ढांचे में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर शामिल हैं।
पुस्तकालय
पुस्तकों, ज्ञान और संसाधनों का भण्डार।
प्रयोगशालाएँ - भौतिकी/रसायन विज्ञान/जीवविज्ञान
प्रायोगिक स्थान|
भवन एवं बाला पहल
बाला स्कूल के बुनियादी ढांचे की समग्र रूप से योजना बनाने और उसका उपयोग करना|
खेल अवसंरचना (खेल के मैदान)
शारीरिक फिटनेस और टीम वर्क की संस्कृति विकसित करता है।
एसओपी/एनडीएमए
सीखने और छात्र कल्याण के लिए एक सुरक्षित और संरचित वातावरण सुनिश्चित करता है।
खेल
प्रतियोगिता, कौशल, और मनोरंजन के लिए शारीरिक गतिविधियाँ।
एनसीसी/स्काउट एवं गाइड
चरित्र और कौशल विकास के लिए युवा संगठन।
शिक्षा भ्रमण
पारंपरिक कक्षा सेटिंग के बाहर सीखना और अन्वेषण।
ओलम्पियाड
प्रतियोगी घटनाएँ जो प्रतिभा और कौशल प्रदर्शित करती हैं।
प्रदर्शनी - एनसीएससी/विज्ञान/आदि
कला, वस्त्र या प्रदर्शन का सार्वजनिक प्रदर्शन।
एक भारत श्रेष्ठ भारत
एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान की पहल है।
हस्तकला या शिल्पकला
शिल्प कौशल और कलात्मक अभिव्यक्ति ।
मजेदार दिन
यह आपके मन और शरीर को आराम करने और मौज-मस्ती करने का दिन देता है।
युवा संसद
छात्रों के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में शामिल होने का एक मंच।
पीएम श्री स्कूल
पीएम श्री स्कूल भारत सरकार द्वारा एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
कौशल शिक्षा
व्यक्तियों को व्यावहारिक योग्यताएँ और विशेषज्ञता प्रदान करना।
मार्गदर्शन एवं परामर्श
व्यक्तिगत और शैक्षिक विकास के लिए सहायक सलाह।
सामाजिक सहभागिता
साझा लाभ के लिए सामुदायिक गतिविधियों में भाग लेना।
विद्यांजलि
विद्यांजलि स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की एक पहल है
प्रकाशन
मुद्रित सामग्री के माध्यम से जानकारी का प्रसारण।
समाचार पत्र
हाल के घटनाओं या विषयों पर संक्षिप्त अपडेट।
विद्यालय पत्रिका
छात्र प्रकाशन, रचनात्मकता, समाचार, और स्कूल की जिंदगी का प्रदर्शन।
देखें क्या हो रहा है ?
छात्रों के बारे में समाचार और कहानियाँ, और पूरे स्कूल में नवाचार


स्वच्छता ही सेवा
"स्वच्छता ही सेवा" सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से स्वच्छता, सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने और एक स्वस्थ, अधिक टिकाऊ वातावरण के प्रति राष्ट्रव्यापी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह इस विचार का समर्थन करता है कि स्वच्छता केवल एक कर्तव्य नहीं है बल्कि सामाजिक प्रगति के लिए एक परिवर्तनकारी शक्ति है।
और पढ़ें
आर्ट गैलरी प्रदर्शनी
स्कूल के गलियारों को जीवंत कैनवस में बदलते हुए, हमारी आर्ट गैलरी प्रदर्शनी रचनात्मकता और कल्पना का जश्न मनाती है।
और पढ़ेंउपलब्धियाँ
शिक्षक
विद्यार्थी
नवप्रवर्तन
प्रायोगिक ज्ञान

विज्ञान करके विज्ञान सीखना
विज्ञान करके विज्ञान सीखना उत्तर-माध्यमिक विज्ञान शिक्षा में एक उभरता हुआ स्व-निर्देशित प्रक्रिया-शिक्षण मॉडल है।
और पढ़ेंविद्यालय टॉपर्स
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा दसवीं और बारहवीं कक्षा
10वीं कक्षा
12वीं कक्षा
विद्यालय परिणाम
वर्ष 2021-22
उपस्थित 164 उत्तीर्ण 151
वर्ष 2022-23
उपस्थित 130 उत्तीर्ण 125
वर्ष 2023-24
उपस्थित 100 उत्तीर्ण 95
वर्ष 2024-25
उपस्थित 108 उत्तीर्ण 108
वर्ष 2021-22
उपस्थित 139 उत्तीर्ण 137
वर्ष 2022-23
उपस्थित 130 उत्तीर्ण 104
वर्ष 2023-24
उपस्थित 92 उत्तीर्ण 91
वर्ष 2024-25
उपस्थित 84 उत्तीर्ण 84